ऐसा भी रामभक्त
15 साल की उम्र दी गिरफ्तारी


Shaheed Mela Gorakhpur, Brijesh Tripathi, Misra Raahul, Vishaal Mishra, Pradeep Tripathi, Bismil Mela Gorakhpur, Ram Prasad Bismil, Martyr, 1947 Candle March
रामभक्त तो करोड़ों हैं। राम में आस्था और उनके प्रति श्रद्धा का भाव लिये तमाम आस्थावान राममंदिर के लिए जान की परवाह तक नहीं किये। इसी कड़ी में राममंदिर आंदोलन से प्रेरित गोरखपुर के तरूण और आज के दौर में हर मोर्चे पर 'फाइटर' की भूमिका निभाने वाले बृजेशराम त्रिपाठी से भी जुड़ा एक वाक्या है उनके बहुत से करीबी यह नहीं जानते होंगे कि बृजेश पहली बार राममंदिर के लिए महज 15 साल की उम्र में अपनी गिरफ्तारी दिये।

बातचीत में बृजेशराम कहते हैं कि रामजन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए आंदोलन चरम पर था। राम में आस्था थी। तब मेरी उम्र 15 साल थी। कहते हैं कि उन्हें थानाध्यक्ष खजनी, बलबीर सिंह ने गिरफ्तार किया और एसडीएम खजनी के सामने लाया। जमीन पर एक लान में बैठने का आदेश दिया गया लेकिन मैं एसडीएम से अधिक अपने पिताजी से डर गया। मुझे लगा कि अब मार पड़ेगी। मगर उन्होंने कुछ सोचने समझने के बाद मेरा हौसला बढ़ाया। जो आज तक कायम है। यह बात 1986 की थी।
मेरी गिरफ्तारी के बाद गांव के एक और अध्यापक रामहर्ष त्रिपाठी हैं। उन्होंने पूछा कि बृजेश कुछ खाए हो। फिर मेरी घबराहट खत्म होने जाने के बाद बातचीत करने लगे। अब मैं नार्मल हो चुका था। कुछ देर रोकने के बाद एसडीएम ने मुझे जेल भेज दिया। यहीं से राममंदिर आंदोलन के लिए मैंने अपने को तैयार कर लिया। अयोध्या में रामलला का मंदिर बनेगा। ऐसा दृढ़ विश्वास था। सन् 1987 से सितंबर 2013 तक 84 कोसी परिक्रमा के लिए मखौड़ा धाम से चले आंदोलन रामज्योति, श्रीरामशिला पूजन, कारसेवा आंदोलन, रामसेतु रक्षा आंदोलन में सक्रिय भागीदारी निभाई। कहते हैं कि राममंदिर के लिए एक दो बार नहीं बल्कि 4 बार जेल गया।

चाय पर घर पहुंचे अशोक सिंघल


विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष रहे अशोक सिंघल से बृजेश राम का गहरा रहा। आंदोलनों में बढ़चढ़ कर हिस्सादारी लेने का प्रतिफल यह रहा कि अशोक सिंघल उन्हें करीब से पहचानते थे। जब गोरखपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय तीन दिवसीय बैठक आयोजित हुई तो अशोक सिंघल काफी व्यस्त होने के बावजूद बृजेश राम के घर चाय पर पहुंचे।

उन दिनों अशोक सिंघल काफी अस्वस्थ चल रहे थे। बृजेश राम त्रिपाठी विश्व हिंदू परिषद के प्रदेश संयोजक, बजरंग दल के संयोजक, प्रांत सहमंत्री विश्व हिंदू परिषद गोरक्ष प्रांत रह चुके हैं। कहते हैं कि वह जब से राममंदिर आंदोलन से जुड़े तब से पीछे मुड़कर नहीं देखे।
राम की धुन में रम गये ।।
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